ये लड़ाई है हमारे अधिकारों की,
हमारे मांगों की, हमारे अरमानों की,
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
साक्षर तो हैं अब सभी,
पर सबको सजग बनना है.
सीमा के प्रहरी सा अब,
सबको अटल बनना है.
जात – पात और धर्म में बांधकर,
फिर न पीछे पछताना दोस्तों।
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
अब जब बिटिया निकले और बहने सड़क पे,
तो उनका आँचल लहराए।
ना उनके ह्रदय में भय हो,
ना उनकी आँखे झुकीं हों,
ऐसा शासक – सुशासक है लाना दोस्तों,
की किसी ऐसे को ना बिठा दो इस ताज पे,
फिर बहनों को पड़े घूँघट करना दोस्तों।
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
मेरा काम है आपको समझाना दोस्तों,
ये धरती आपकी, ये गावं आपका,
ये चुनाव और वोट भी आपका अपना दोस्तों।
तो सोच लो, समझ लो,
विचार कर लो,
किस – किस को हैं चुनना,
और किस को है हराना दोस्तों।
पांच साल में आता है ये मौका दोस्तों,
देखो फिर ये मौका न इसे गवाना दोस्तों।
This is to explain the important of election. People should give importance to this as they give for their religion.
परमीत सिंह धुरंधर