पंखहीन परवाज


एक चूहे ने खोद -खोद के,
खोखला पहाड़ कर दिया।
मगर एक चुहिया की आँखों ने,
उसको भी बेचैन कर दिया।
एक कबूतर ने पंख फैला के,
आसमान चुम लिया,
मगर एक मादा कबूतर ने,
उसको भी पंखहीन परवाज कर दिया।
इश्क़ कर तो फिर खुदा की चाह ना कर,
इश्क़ में तो खुदा भी बेबस है।

 

परमीत सिंह धुरंधर

There is no happy end in love.

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