मेरी ताजपोशी पे, वो आई संवर के.
पंडतिओं के मंत्र, और वो थी मेरे जेहन में.
बाला की खूबसूरत, मेरी जरुरत बन गयी.
एक ही रात में, सारी धरती जन्नत बन गयी.
अब मिलती है सरे-आम सड़क पे,
और चलती हैं गले को बाहों में थाम के.
की झूलती हैं इस कदर मेरे जिस्म पे, हर घड़ी,
की रोएँ – रोएँ को उनकी चाहत हो गयी.
It about arrange marriage in India…how it change the life of a guy. There is nothing bad in such marriage compare to Love marriage. In fact, it is more romantic and more thrilling.
परमीत सिंह धुरंधर
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