लिखती थीं जो अपनी आँखों से,
मधुर निवेदन,
कि जहाँ कोई न खड़ा हो, वहाँ
मिलने का निमंत्रण.
चलती थीं सखियों संग,
बोझिल कदमो को आगे बढ़ाते,
मगर नज़रें खोजती थीं,
मुझे उनके पीछे आते.
किताबों में छुपा कर,
जो करती थीं,
दिलों का आदान – प्रदान,
आखरी रोटी को बचाकर,
खिलाती थीं जो,
लगाकर शहद सी मुस्कान.
जवानी की दहलीज पर,
वो गंगा की पहली मौज थीं,
मेरी कक्षा बारह की,
न्यूटन के तीसरे नियम की खोज थीं, परमित…..Crassa
Month: March 2013
बाजार में बिकता नहीं……
बाजार में बेचने जाता हूँ,
बिकता नहीं,
आग में जलाता हूँ,
जलता नहीं,
अँधेरे में कही छोड़ आता हूँ,
पर साथ छूटता नहीं,
मंदिर, मस्जिद, कोई भी दर,
पे सजदा , भी अब किसी काम,
आता नहीं,
इंसान हूँ, पर
इंसानों की हर बस्ती,
में जाकर देखा,
किसी के पास ये अमूल्य ,
रत्न नहीं,
पर कोई भी इसे , मुझसे
छीनता नहीं,
चुराता नहीं……..Crassa
Why do we need our own babies?
Most of biological discussion on aging and reproduction forget to mention the importance of entropy, which governs every process from Sun to photosynthesis and from melting of ice to function of car. Having babies is not just related to two people. It is a way to do something constructive (similar to our evolution from cycle to motorcycle) in this destructive world that is favored by entropy…..Crassa
एक दोस्त के नाम….
किसी ने मेरी पंक्तियों को आज सराहा,
तो ये लगा , जिन्दगी सही राहों पे तो है.
कांटे ही सही, चुभते हुए मेरे पांवों में,
ये मेरे खून के बहते कतरे, किसी की निगाहों में तो हैं, परमित…..Crassa
शहीदे -आजम भगत सिंह
बहुत दूर तक फैलने से अच्छा है,
तेरी गोद में सिमट के रह जाऊं,
ए माँ , तेरा आँचल में हर दर्द सह जाऊं.
किसी अम्बर का चाँद बन्ने से अच्छा है,
तेरी आँखों का तारा बन के टूट जाऊं.
ए माँ , तेरा आँचल में हर दर्द सह जाऊं,परमित…..Crassa
Crassa…..
बहुत कमीने हैं, इस सारे संसार में,
मानते है सब लेकिन, Crassa ही सरदार रे.
दूर-दूर से ही जाती हैं, सारी सुंदरियां,
न जाने कब लुट जाए,उनका सारा श्रृंगार रे….Crassa
फिर एक प्रयाश हो…
ये दिल न निराश हो,
ये दिल न उदास हो
,है रब कही पे हाँ अगर,
तो ऐ दिल उठ,
फिर एक प्रयास हो.
ऎसी कोई धरती नहीं,
जिसपे कोई फूल न खिले,
ऐसा कोईआसमाँ नहीं ,
जिसके तारे न टूटें,
है रब कहीं पे हाँ अगर,
तो उठ ऐ दिल,
फिर ये पाँव परमीत,
मंजिल पे बढ़ें……Crassa